बुधवार, 19 सितंबर 2018

Book jacket

पुस्तक आवरण 

आशू वदन कक्षा 7-ब 
द्वारा निरमित पुस्तक आवरण
पुस्तक आवरण 
तूलिका तांती कक्षा 7-ब 
द्वारा निरमित पुस्तक आवरण 

New Arrivals

प्रतियोगिता दर्पण अक्टूबर , 2018 

COMPETITION SUCCESS REVIEW (OCTOBER , 2018)


                  इंडिया टुडे (26  सितम्बर, 2018)INDIA TODAY  (SEPTEMBER 24 , 2018 )


THE WEEK (SEPTEMBER 23 ,2018 )

PRATIYOGITA DARPAN (OCTOBER 2018)


शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

हिन्दी दिवस (१४ सितम्बर २०१८ )

हिंदी दिवस १४ सितम्बर २०१८ 
हिंदी पखवाड़ा 
(१४ सितम्बर से २८ सितम्बर तक )
केंद्रीय विद्यालय वायुसेना नलिया में आज प्रातःकालीन प्रार्थना सभा में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में विद्यालय के प्राचार्य महोदय एवं हिंदी विभागाध्यक्ष महोदय ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर हिंदी दिवस एवं हिंदी पखवाड़ा जो कि १४ सितम्बर दिन शुक्रवार से लेकर २८ सितम्बर दिन शुक्रवार तक विद्यालय में मनाया जायेगा का शुभारम्भ  किया | 
इस अवसर पर प्राचार्य महोदय  श्री अरुण शर्मा (केंद्रीय विद्यालय वायुसेना स्थल नलिया ) ने हिंदी भाषा की सार्थकता एवं उसके प्रयोग के विषय में अपने विचार रखे एवं समस्त छात्र एवं छात्राओं को बताया की किस प्रकार हम अपने अपनी राजभाषा को अधिकाधिक प्रयोग में लायें | 
हिंदी दिवस के अवसर पे हिंदी विभागाध्यक्ष  महोदय (श्री सीताराम मीणा )ने भी हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में भारतीय संविधान के अंतर्गत अंगीकृत  किये जाने के विषय में  बताया |  साथ ही साथ हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत विद्यालय में होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित किये जाने के सम्बन्ध में आधिकारिक रूप से  घोषणा की 

बुधवार, 12 सितंबर 2018

NEW ARRIVAL

           INDIA TODAY SEPTMEBER 17,  2018      इण्डिया टुडे 19  सितम्बर, 2018 

                                  

मंगलवार, 11 सितंबर 2018

WHAT NEXT? HINDI DIVAS 14 SEPTEMBER


हिन्दी दिवस  (१४ सितम्बर २०१८ )

हिन्दी पखवाड़ा  14 सितंबर 2018   से 28  सितम्बर 2018   

हिन्दी के ऐतिहासिक अवसर को याद करने के लिये हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिन्दी दिवस मनाया जाता है। इसको हिन्दी दिवस के रुप में मनाना शुरु हुआ था क्योंकि वर्ष 1949 में 14 सितंबर को संवैधानिक सभा के द्वारा आधिकारिक भाषा के रुप में देवनागरी लिपी में लिखी हिन्दी को स्वीकृत किया गया था।

हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है ?
देश में हिन्दी भाषा की महत्ता को प्रदर्शित करने के लिये पूरे भारत में हिन्दी दिवस मनाया जाता है। भारत में हिन्दी भाषा का बड़ा इतिहास है जो इंडों-यूरोपियन भाषा परिवार के इंडों-आर्यन शाखा से संबद्ध रखता है। भारत की सरकार ने देश की आजादी के बाद मातृभाषा को आर्दश के अनुरुप बनाने के लिये एक लक्ष्य बनाया अर्थात हिन्दी भाषा को व्याकरण और वर्तनीयुक्त करने का लक्ष्य। इसे भारत के अलावा मॉरीशस, पाकिस्तान, सुरीनाम, त्रिनिदाद और कुछ दूसरे देशों में भी बोली जाता है। इसे 258 मिलीयन लोगों द्वारा मातृभाषा के रुप में बोली जाती है और ये दुनिया की 5वीं लंबी भाषा है।14 सितंबर प्रत्येक वर्ष एक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है,क्योंकि भारत की संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा (देवनागरी लिपि में लिखित) भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाई गई थी। हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग करने का निर्णय भारत के संविधान द्वारा (जो 1950 में 26 जनवरी को प्रभाव में आया है) वैध किया गया था। भारतीय संविधान के अनुसार, देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी भाषा को पहले भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अनुच्छेद 343 के तहत अपनाया गया था।
हिन्दी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हिन्दी दिवस पर कविता, हम अपनी राष्ट्रीय भाषा को सम्मान देने के लिये उपलब्ध करा रहे हैं। हिन्दी दिवस कविता, अपनी मातृभाषा के लिये पाठकों के मन में प्रेम जागृत करने के लिये लिखी गयी है। हिन्दी दिवस कविता, हिन्दी के महत्व और वर्तमान परिदृश्य में हिन्दी की स्थिति को वर्णित करती है।
हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,कहते है, सब सीना तान,
पल भर के लिये जरा सोचे इन्सान रख  पाते है हम इसका कितना ध्यान,
सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है अपनी राष्टृ भाषा का सम्मान
हर पल हर दिन करते है हम हिन्दी बोलने वालो का अपमान
14 सितम्बर को ही क्यों याद आता है बस हिन्दी बचाओं अभियान
क्यों भूल जाते है हम हिन्दी को अपमानित करते है खुद हिन्दुस्तानी इंसान
क्यों बस 14 सितम्बर को ही हिन्दी में भाषण देते है हमारे नेता महान
क्यों बाद में समझते है अपना हिन्दी बोलने में अपमान
क्यों समझते है सब अंग्रेजी बोलने में खुद को महान
भूल गये हम क्यों इसी अंग्रेजी ने बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम
आज उन्हीं की भाषा को क्यों करते है हम शत् शत् प्रणाम
अरे ओ खोये हुये भारतीय इंसान अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान
उठे खडे हो करें मिलकर प्रयास हम दिलाये अपनी मातृभाषा को हम
अन्तरार्ष्टृीय पहचान ताकि कहे फिर से हम
हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान, कहते है, सब सीना तान,-

short biography of NetaJi S.C.Bose

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