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Showing posts with the label HAMARE MAHAPURUSH

OND DAY CONFERENCE: PRINCIPLES AND THOUGHTS OF MAHATAMA GANDHI

 2ND OCTOBER 2023 G ANDHI JI'S BIRTHDAY CELEBRATED ACROSS THE NATION WITH THE MESSEGE OF CLEAN INDIA GREEN INDIA, ONE HOUR SHARMADAN SWACHH BHARAT ABHIYAN.IN THE COUNTINUTION OF CELEBRATING THE BIRTHDAY OF GANDHI JI AS WELL AS LAL BAHADUR SHASTRI KENDRIYA VIDYALAYA DHAR ORGANISED ONLINE ONE DAY CONFERENCE ON THE PRINCIPLES AND THOUGHTS OF MAHATAMA GANDHI. ENTIRE SCHOOL STAFF AND NUMERUOS STUDENTS PARTICIPATED ONLINE IN THIS PROGRAM. THE PROGRAM CHAIRED BY MR. NEERAJ ASTHANA(PRINCIPAL KV DHAR)AND  CO-ORDINATED BY MR. ANAND IYER (PGT HINDI). IN THIS PROGRAM GUARDIANS WERE ALSO INVITED TO PUT THEIR THOUGHT ON GANDHI JI.FEW PARENTS PUT THEIR VIEW ON GANDHI JI. THERE WERE MAIN TEACHER SPEAKERS WHO HAS PUT THE LIGHT ON THE CONTRIBUTION OF MAHATMA GANDHI IN THE FREEDOM, HOW HE LEAD THE WHOLE NATION DURING THE VARIOUS MOVEMENT. MR. PRAJAPATI KAILASH RAMHIT PGT(ENGLISH), MR. KAJOD KOLI TGT (SOST), MR. SUDHAKAR GUPTA (LIBRARIAN), MR. SANJAY BALDIYA, PRT , MRS UJALA UPADHYAY PRT. AT THE ...

A short biography: Swami Vivenkanand

 Swami Vivekanand    "Arise, awake and stop not until the goal is achieved"  “Be an atheist if you want, but do not believe in anything unquestioningly.” “Take risks in your life. If you win, you can lead, if you lose, you can guide.” "Learn everything that is good from others but bring it in, and in your own way absorb it; do not become others.” “A man is not poor without a rupee but a man is really poor without a dream and ambition.”  Born:  12 January, 1863  Place of Birth:  Kolkata, India Childhood Name:  Narendranath Dutta Father:  Vishwanath Dutta  Mother:  Bhuvaneshwari Devi Education:  Calcutta Metropolitan School; Presidency College, Calcutta Religion:  Hinduism  Guru:  Ramakrishna Founder of : Ramakrishna Mission (1897), Ramakrishna Math, Vedanta Society of New York Philosophy:  Advaita Vedanta Literary works:  Raja Yoga (1896), Karma Yoga (1896), Bhakti Yoga (1896), Jnana Yoga, My Master...

NATIONAL LIBRARIAN'S DAY 12 AUGUST

  LIBRARIAN'S DAY 12 AUGUST डॉ  एस  आर रंगनाथन  का जीवन परिचय शियाली राममृत रंगनाथन (S R Ranganathan) का जन्म 9 अगस्त 1892 को मद्रास राज्य के तंजूर जिले के शियाली नामक क्षेत्र में हुआ था। जब वे सिर्फ 6 वर्ष के थे, उनके पिता जी का निधन हो गया। उनकी देख-रेख दादा जी ने की।सन् 1916 में रंगनाथन (S R Ranganathan) ने मद्रास क्रिश्चन काॅलेज से गणित में एम.ए. किया। फिर एक साल का प्रोफेशनल टीचिंग का कोर्स किया। उनका शिक्षण का विषय गणित और फिजिक्स था। पहली नियुक्त 1917 में गोवर्नमेंट कॉलेज मंगलोर में हुई। बाद में उन्होने 1920 में गोवर्नमेंट कॉलेज कोयंबटूर और 1921-23 के दौरान प्रेजिडेंसी कॉलेज मद्रास विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया। रूचि के विपरीत लाइब्रेरियन के पद के लिए आवेदन और नियुक्ति उनकी शिक्षण कार्य में गहन रूचि तो थी परन्तु बहुत कम तनख्वाह होने के कारण गुजारा ढंग से नहीं हो पा रहा था। भाग्य से कुछ समय बाद मद्रास विश्वविद्यालय में लाइब्रेरियन की पोस्ट निकली जिसमें ठीक-ठाक वेतन का आॅफर था। इस प्रकार की नई पोस्ट होने के कारण 900 के लगभग आवेदकों में से हर-एक अनुभव-हीन ...

PERSONALITY OF THE MONTH

  Rabindranath Tagore Rabindranath Tagore (1861-1941) was a Bengali poet, writer, lyricist, dramatist, and painter who introduced new prose and verse forms and utilised conversational language into Bengali writing, thereby liberating it from rigid, conventional models dependent on old-style Sanskrit. He was highly influential in acquainting Indian culture with the West and the other way around, and he is by and large viewed as the extraordinary innovative artist of mid-twentieth century India. Born to an affluent family, Tagore largely avoided classroom education and preferred to roam the manor or nearby Bolpur and Panihati, which the family visited. He started writing poems at the age of eight. Tagore was an ardent humanist and a chief exponent of the Bengal Renaissance. His compositions were chosen by two nations as national anthems: India's "Jana Gana Mana" and Bangladesh's "Amar Shonar Bangla". Tagore is widely read and revered for his timeless classics,...

National Librarian's Day 12 AUGUST

LIBRARIAN'S DAY 12 AUGUST डॉ  एस  आर रंगनाथन  का जीवन परिचय शियाली राममृत रंगनाथन (S R Ranganathan) का जन्म 9 अगस्त 1892 को मद्रास राज्य के तंजूर जिले के शियाली नामक क्षेत्र में हुआ था। जब वे सिर्फ 6 वर्ष के थे, उनके पिता जी का निधन हो गया। उनकी देख-रेख दादा जी ने की।सन् 1916 में रंगनाथन (S R Ranganathan) ने मद्रास क्रिश्चन काॅलेज से गणित में एम.ए. किया। फिर एक साल का प्रोफेशनल टीचिंग का कोर्स किया। उनका शिक्षण का विषय गणित और फिजिक्स था। पहली नियुक्त 1917 में गोवर्नमेंट कॉलेज मंगलोर में हुई। बाद में उन्होने 1920 में गोवर्नमेंट कॉलेज कोयंबटूर और 1921-23 के दौरान प्रेजिडेंसी कॉलेज मद्रास विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया। रूचि के विपरीत लाइब्रेरियन के पद के लिए आवेदन और नियुक्ति उनकी शिक्षण कार्य में गहन रूचि तो थी परन्तु बहुत कम तनख्वाह होने के कारण गुजारा ढंग से नहीं हो पा रहा था। भाग्य से कुछ समय बाद मद्रास विश्वविद्यालय में लाइब्रेरियन की पोस्ट निकली जिसमें ठीक-ठाक वेतन का आॅफर था। इस प्रकार की नई पोस्ट होने के कारण 900 के लगभग आवेदकों में से...

BIOGRAPHY

BIOGRAPHY OF MR. P.N. PANICKER  P.N. PANICKER (1, MARCH, 1909-19, JUNE, 1995) Early life: Panicker was born on 1 March 1909 in Jamjamjum to Govinda Pillai and Janaky Amma at  Neelamperoor ,Pn panikar  India . [2] In 1926 he started the  Sanadanadharmam  Library as a teacher in his hometown. [3]  he was a teacher and his influence on society was much greater than many of his time. Panicker led the formation of  Thiruvithaamkoor Granthasala Sangham  ( Travancore  Library Association) in 1945 with 47 rural libraries. The slogan of the organization was ' Read and Grow' . Later on, with the formation of Kerala State in 1956, it became Kerala Granthasala Sangham (KGS). He traveled to the villages of Kerala proclaiming the value of reading. He succeeded in bringing some 6,000 libraries into this network. Grandhasala Sangham won the prestigious  ‘Krupsakaya Award’ from  UNESCO  in 1975. Panicker was the General Secretary...

HAMARE MAHAPURUSH LAL BAHADUR SHASTRI

BIOGRAPHY OF LAL BAHADUR SHASTRI Born :  2 October 1904,  Mughalsarai Died :  11 January 1966,  Tashkent, Uzbekistan Nickname :  Man of Peace BIOGRAPHY PART-I BIOGRPAHY PART-II

HAMARE MAHAPURUSH MAHATMA GANDHI

BIOGRAPHY OF MAHATMA GANDHI BORN : 02 OCTOBER 1869 DEATH: 30 JANUARY 1948

DR. S.R. RANGANATHAN

  डॉ.  एस.आर. रंगनाथन का संक्षिप्त जीवन परिचय शियाली राममृत रंगनाथन (S R Ranganathan) का जन्म 9 अगस्त 1892 को मद्रास राज्य के तंजूर जिले के शियाली नामक क्षेत्र में हुआ था। जब वे सिर्फ 6 वर्ष के थे, उनके पिता जी का निधन हो गया। उनकी देख-रेख दादा जी ने की।  सन् 1916 में रंगनाथन (S R Ranganathan) ने मद्रास क्रिश्चन काॅलेज से गणित में एम.ए. किया। फिर एक साल का प्रोफेशनल टीचिंग का कोर्स किया। उनका शिक्षण का विषय गणित और फिजिक्स था। पहली नियुक्त 1917 में गोवर्नमेंट कॉलेज मंगलोर में हुई। बाद में उन्होने 1920 में गोवर्नमेंट कॉलेज कोयंबटूर और 1921-23 के दौरान प्रेजिडेंसी कॉलेज मद्रास विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया।  रूचि के विपरीत लाइब्रेरियन के पद के लिए आवेदन और नियुक्ति उनकी शिक्षण कार्य में गहन रूचि तो थी परन्तु बहुत कम तनख्वाह होने के कारण गुजारा ढंग से नहीं हो पा रहा था। भाग्य से कुछ समय बाद मद्रास विश्वविद्यालय में लाइब्रेरियन की पोस्ट निकली जिसमें ठीक-ठाक वेतन का आॅफर था। इस प्रकार की नई पोस्ट होने के कारण 900 के लगभग आवेदकों में से हर-एक अनुभव-हीन था। गणित ...

GREAT AUTHOR OF INDIA

जीवनी : महान  गद्यकार मुंशी प्रेमचंद (धनपत राय ) जन्म: प्रेमचन्द का जन्म ३१ जुलाई सन् १८८० को बनारस शहर से चार मील दूर लमही गाँव में हुआ था। आपके पिता का नाम अजायब राय था। वह डाकखाने में मामूली नौकर के तौर पर काम करते थे। जीवन: धनपतराय की उम्र जब केवल आठ साल की थी तो माता के स्वर्गवास हो जाने के बाद से अपने जीवन के अन्त तक लगातार विषम परिस्थितियों का सामना धनपतराय को करना पड़ा। पिताजी ने दूसरी शादी कर ली जिसके कारण बालक प्रेम व स्नेह को चाहते हुए भी ना पा सका। आपका जीवन गरीबी में ही पला। कहा जाता है कि आपके घर में भयंकर गरीबी थी। पहनने के लिए कपड़े न होते थे और न ही खाने के लिए पर्याप्त भोजन मिलता था। इन सबके अलावा घर में सौतेली माँ का व्यवहार भी हालत को खस्ता करने वाला था। शादी: आपके पिता ने केवल १५ साल की आयू में आपका विवाह करा दिया। पत्नी उम्र में आपसे बड़ी और बदसूरत थी। पत्नी की सूरत और उसके जबान ने आपके जले पर नमक का काम किया। आप स्वयं लिखते हैं, "उम्र में वह मुझसे ज्यादा थी। जब मैंने उसकी सूरत देखी तो मेरा खून सूख गया।......." उसके साथ - साथ जबान क...

रबीन्द्रनाथ टैगोर

  रबीन्द्रनाथ टैगोर जब कभी भी भारतीय साहित्य के इतिहास की चर्चा होगी तो वह  गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर   के नाम के बिना अधूरी ही रहेगी।  रबीन्द्रनाथ टैगोर  एक विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार तथा चित्रकार थे। भारतीय साहित्य  गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर  के योगदान के लिए सदैव उनका ऋणी रहेगा। वे अकेले ऐसे भारतीय साहित्यकार हैं जिन्हें  नोबेल पुरस्कार  मिला है। वह नोबेल पुरस्कार पाने वाले प्रथम एशियाई और साहित्य में नोबेल पाने वाले पहले गैर यूरोपीय भी थे। वह दुनिया के अकेले ऐसे कवि हैं जिनकी रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान हैं – भारत का राष्ट्र-गान  ‘जन गण मन’   और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान  ‘आमार सोनार बाँग्ला’  रबीन्द्रनाथ टैगोर की ही रचनाएँ हैं।  गुरुदेव   एवं  कविगुरु , रबीन्द्रनाथ टैगोर के उपनाम थे। इन्हें  रबीन्द्रनाथ ठाकुर   के नाम से भी जाना जाता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म  7 May 1861   को कोलकाता के जोड़ासाँको ठाकुर...