हिन्दी दिवस (१४ सितम्बर २०१८ )
हिन्दी पखवाड़ा 14 सितंबर 2018 से 28 सितम्बर 2018
हिन्दी के ऐतिहासिक अवसर को याद करने के लिये हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिन्दी दिवस मनाया जाता है। इसको हिन्दी दिवस के रुप में मनाना शुरु हुआ था क्योंकि वर्ष 1949 में 14 सितंबर को संवैधानिक सभा के द्वारा आधिकारिक भाषा के रुप में देवनागरी लिपी में लिखी हिन्दी को स्वीकृत किया गया था।
हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है ?
देश में हिन्दी भाषा की महत्ता को प्रदर्शित करने के लिये पूरे भारत में हिन्दी दिवस मनाया जाता है। भारत में हिन्दी भाषा का बड़ा इतिहास है जो इंडों-यूरोपियन भाषा परिवार के इंडों-आर्यन शाखा से संबद्ध रखता है। भारत की सरकार ने देश की आजादी के बाद मातृभाषा को आर्दश के अनुरुप बनाने के लिये एक लक्ष्य बनाया अर्थात हिन्दी भाषा को व्याकरण और वर्तनीयुक्त करने का लक्ष्य। इसे भारत के अलावा मॉरीशस, पाकिस्तान, सुरीनाम, त्रिनिदाद और कुछ दूसरे देशों में भी बोली जाता है। इसे 258 मिलीयन लोगों द्वारा मातृभाषा के रुप में बोली जाती है और ये दुनिया की 5वीं लंबी भाषा है।14 सितंबर प्रत्येक वर्ष एक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता है,क्योंकि भारत की संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा (देवनागरी लिपि में लिखित) भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाई गई थी। हिंदी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग करने का निर्णय भारत के संविधान द्वारा (जो 1950 में 26 जनवरी को प्रभाव में आया है) वैध किया गया था। भारतीय संविधान के अनुसार, देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी भाषा को पहले भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अनुच्छेद 343 के तहत अपनाया गया था।
हिन्दी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हिन्दी दिवस पर कविता, हम अपनी राष्ट्रीय भाषा को सम्मान देने के लिये उपलब्ध करा रहे हैं। हिन्दी दिवस कविता, अपनी मातृभाषा के लिये पाठकों के मन में प्रेम जागृत करने के लिये लिखी गयी है। हिन्दी दिवस कविता, हिन्दी के महत्व और वर्तमान परिदृश्य में हिन्दी की स्थिति को वर्णित करती है।
हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान,कहते है, सब सीना तान,
पल भर के लिये जरा सोचे इन्सान रख पाते है हम इसका कितना ध्यान,
सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है अपनी राष्टृ भाषा का सम्मान
हर पल हर दिन करते है हम हिन्दी बोलने वालो का अपमान
14 सितम्बर को ही क्यों याद आता है बस हिन्दी बचाओं अभियान
क्यों भूल जाते है हम हिन्दी को अपमानित करते है खुद हिन्दुस्तानी इंसान
क्यों बस 14 सितम्बर को ही हिन्दी में भाषण देते है हमारे नेता महान
क्यों बाद में समझते है अपना हिन्दी बोलने में अपमान
क्यों समझते है सब अंग्रेजी बोलने में खुद को महान
भूल गये हम क्यों इसी अंग्रेजी ने बनाया था हमें वर्षों पहले गुलाम
आज उन्हीं की भाषा को क्यों करते है हम शत् शत् प्रणाम
अरे ओ खोये हुये भारतीय इंसान अब तो जगाओ अपना सोया हुआ स्वाभिमान
उठे खडे हो करें मिलकर प्रयास हम दिलाये अपनी मातृभाषा को हम
अन्तरार्ष्टृीय पहचान ताकि कहे फिर से हम
हिन्दी-हिन्दु-हिन्दुस्तान, कहते है, सब सीना तान,-
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