सोमवार, 19 फ़रवरी 2018

VEER SHIVAJI JAYANTI

VEER SHIVAJI JAYANTI : 19 FEBRUARY

शिवाजी उर्फ़ छत्रपति शिवाजी महाराज – Shivaji Maharaj भारतीय शासक और मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। शिवाजी महाराज एक बहादुर, बुद्धिमान और निडर शासक थे। धार्मिक अभ्यासों में उनकी काफी रूचि थी। रामायण और महाभारत का अभ्यास वे बड़े ध्यान से करते थे।
पूरा नाम  – शिवाजी शहाजी भोसले 
जन्म – 19 फरवरी, 1630 / अप्रैल, 1627 मृत्यु – अप्रैल, 1680 
जन्मस्थान – शिवनेरी दुर्ग (पुणे)
पिता       – शहाजी भोसले
माता       – जिजाबाई शहाजी भोसले
विवाह     – सइबाई के साथ

एक नजर मै शिवाजी महाराज का इतिहास – Shivaji Maharaj History in Hindi

1) उनका जन्म पुणे के किले में 7 अप्रैल 1627 को हुआ था। (उनकी जन्मतिथि को लेकर आज भी मतभेद चल रहे है)
2) शिवाजी महाराज ने अपना पहला आक्रमण तोरण किले पर किया, 16-17 वर्ष की आयु में ही लोगों ( मावळावो ) को संगठित करके अपने आस-पास के किलों पर हमले प्रारंभ किए और इस प्रकार एक-एक करके अनेक किले जीत लिये, जिनमें सिंहगढ़, जावली कोकण, राजगढ़, औरंगाबाद और सुरत के किले प्रसिध्द है।
शिवाजी की ताकत को बढ़ता हुआ देख बीजापुर के सुल्तान ने उनके पिता को हिरासत में ले लिए। बीजापुर के सुल्तान से अपने पिता को छुड़ाने के बाद शिवाजी राजे ने पुरंदर और जावेली के किलो पर भी जीत हासिल की। इस प्रकार अपने प्रयत्न से काफी बड़े प्रदेश पर कब्जा कर लिया।
3) शिवाजी राजे की बढती ताकत को देखते हुए मुग़ल साम्राज्य के शासक औरंगजेब ने जय सिंह और दिलीप खान को शिवाजी को रोकने के लिये भेजा। और उन्होंने शिवाजी को समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। समझौते के अनुसार उन्हें मुघल शासक को 24 किले देने थे।
इसी इरादे से औरंगजेब ने शिवाजी राजे को आमंत्रित भी किया। और बाद में शिवाजी राजे को औरंगजेब ने अपनी हिरासत में ले लिया था, कैद से आज़ाद होने के बाद, छत्रपति ने जो किले पुरंदर समझौते में खोये थे उन्हें पुनः हासिल कर लिया। और उसी समय उन्हें “छत्रपति” का शीर्षक भी दिया गया।
4) उन्होंने मराठाओ की एक विशाल सेना तैयार की थी। उन्होंने गुरिल्ला के युद्ध प्रयोग का भी प्रचलन शुरू किया। उन्होंने सशक्त नौसेना भी तैयार कर रखी थी। भारतीय नौसेना का उन्हें जनक कहा जाता है।
5) जून, 1674 में उन्हें मराठा राज्य का संस्थापक घोषीत करके सिंहासन पर बैठाया गया।
6) शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 12 दिन बाद उनकी माता का देहांत हो गया।
7) उनको ‘छत्रपती’ की उपाधि दी गयी। उन्होंने अपना शासन हिन्दू-पध्दती के अनुसार चलाया। शिवाजी महाराज के साहसी चरित्र और नैतिक बल के लिये उस समय के महान संत तुकाराम, समर्थ गुरुरामदास तथा उनकी माता जिजाबाई का अत्याधिक प्रभाव था।
8) एक स्वतंत्र शासक की तरह उन्होंने अपने नाम का सिक्का चलवाया।
9) मृत्यु – अप्रैल, 1680 में शिवाजी महाराज का देहांत हुवा। शिवाजी महाराज की गनिमी कावा को विलोभनियतासे और आदरसहित याद किया जाता है।
संदर्भ : SHIVAJI MAHARAJ

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