बुधवार, 9 अप्रैल 2025

READING PROMOTION

 PM SHRI KENDRIYA VIDYALAYA DHAR

READING PROMOTION ACTIVITIES





TODAY'S THOUGHT

TODAY'S THOUGHT

 "Embrace the path of truth, for the path of falsehood is crowded."

"सत्य का पथ चुनिए क्योंकि झूठ के पथ पर आपको बहुत भीड़ मिलेगी।"

इस कथन में कई महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं:

1. सत्य की शक्ति: सत्य का पथ चुनने से हमें अपने जीवन में शक्ति और साहस मिलता है।

2. झूठ की कमजोरी: झूठ के पथ पर चलने से हमें कमजोरी और असुरक्षा की भावना होती है।

3. नैतिकता की जीत: सत्य का पथ चुनने से हमें नैतिकता की जीत मिलती है।

इस कथन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सत्य का पथ चुनना हमेशा बेहतर होता है।

शनिवार, 5 अप्रैल 2025

PUSTAKOPAHAR (BOOK GIFTING )

      PM SHRI KENDRRIYA VIDYALAYA DHAR (M.P)     

 PUSTAKOPAHAR MAHOTASAV CELEBRATION








आज पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय धार में पुस्तकोपहार महोत्सव का समापन एक भव्य समारोह में हुआ। इस अवसर पर, वरिष्ठ विद्यार्थियों ने कनिष्ठ विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें प्रदान कीं।इस महोत्सव का संचालन आदरणीय प्राचार्य महोदय के निर्देशन में पुस्तकालय प्रभारी श्री सुधाकर गुप्ता जी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर, उन्होंने विद्यार्थियों को पुस्तकों के महत्व और पढ़ने की आदत के बारे में बताया।

वरिष्ठ विद्यार्थियों ने कनिष्ठ विद्यार्थियों को पुस्तकें प्रदान करते हुए कहा कि यह पुस्तकें न केवल उनके शैक्षिक विकास में मदद करेंगी, बल्कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करेंगी।इस महोत्सव के दौरान, विद्यार्थियों ने पुस्तकों के बारे में चर्चा की और अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर, प्राचार्य महोदय ने कहा कि पुस्तकें हमारे ज्ञान और बुद्धिमत्ता का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं और हमें इन्हें सहेजकर रखना चाहिए।

इस महोत्सव का उद्देश्य विद्यार्थियों को पुस्तकों के प्रति जागरूक करना और उन्हें पढ़ने की आदत डालना था। इस अवसर पर, विद्यार्थियों ने पुस्तकों के महत्व को समझा और उन्हें पढ़ने की आदत डालने का संकल्प लिया।

ALAP 2025-26

 PM SHRI KENDRIYA VIDYALYA DHAR (M.P)

ANNUAL LIBRARY ACTIVITY PLAN FOR THE SESSION2025-26






TODAY'S THOUGHT

किसी को कुछ देकर के देखो वो तुम्हारा न हो जाय तो कहना- BY SOMEONE

TODAY'S THOUGHT

  “Some prayers are followed by silence because they are wrong, others because they are bigger than we can understand.” Oswald Chambers