सोमवार, 27 अगस्त 2018

BOOK REVIEW OF THE MONTH





पुस्तक समीक्षा 


पुस्तक का नाम :- परशुराम की प्रतीक्षा 

लेखक का नाम :- रामधारी सिंह "दिनकर "

मूल्य : रुपये अस्सी मात्र 

प्रकाशक :- लोक भारती  प्रकाशन 

संस्करण :- द्वितीय 

पुस्तक के बारे में 
"परशुराम की प्रतीक्षा " रामधारी सिंह " दिनकर " द्वारा रचित एक अदभुत  कविता संग्रह है |  यह उनकी रचनाओं में से एक है | इसमें कुल 18 कविताएं हैं ,  कुछ लम्बी तो कुछ छोटी है | इस पुस्तक का नाम इसकी पहली रचना पर पड़ा है | इस पहली कविता अर्थात  प्रतीक्षा के इन १८ कविताओं पांच खंड हैं , साथ ही साथ यह पूरी पुस्तक की सबसे लम्बी  कविता  है | बाकी कविताओं में खंड नहीं पाए गए हैं | इन 18  कविताओं में आपको देशभक्ति एवं वीर रस मिलेगा | इन सभी कविताओं के माध्यम से कवि यह बताना चाहते हैं कि भारत की स्थिति  में सुधार की काफी आवश्यकता है | वह भारत की जनता को स्वतंत्रता का मूल्य बताना चाहते हैं | कवि ने इस प्रकार छात्रों का आह्वान है - 

और छात्र  बड़े पुरजोर हैं 
कॉलेजों में सीखने आये तोड़ फोड़ हैं | कहते हैं अभी पढ़ने का क्यासवाल है?
अभी तो हमारा धर्म  एक  हड़ताल है |  

समित शांडिल्य कक्षा ८-ब,(छात्र केंद्रीय विद्यालय वायु सेना, नलिया )   दवारा समीक्षित 

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